जाट समुदाय को आरक्षण देने के मामले में हरियाणा सरकार पर धांधली का आरोप लगने के बाद हाई कोर्ट ने उससे जवाब-तलब किया है। मंगलवार को हाई कोर्ट ने सरकार को सभी संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिया। हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के बिश्नोई, जाट, जाट सिख, रोड़ और त्यागी जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग में शामिल किए जाने के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई थी।
भिवानी के मुरारीलाल गुप्ता सहित तीन लोगों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सरकार के इस फैसले को रद करने की मांग की। आरोप लगाया गया कि सरकार ने जाति विशेष को आरक्षण देने के लिए फर्जी आंकड़े प्रयोग किए हैं। राजनीतिक फायदे के लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय किशन कौल ने रोहतक स्थित एमडी विश्वविद्यालय, हरियाणा पिछड़ा आयोग को भी प्रतिवादी बनाते हुए हरियाणा सरकार से जानकारी मांगी।
भिवानी के मुरारीलाल गुप्ता सहित तीन लोगों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सरकार के इस फैसले को रद करने की मांग की। आरोप लगाया गया कि सरकार ने जाति विशेष को आरक्षण देने के लिए फर्जी आंकड़े प्रयोग किए हैं। राजनीतिक फायदे के लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय किशन कौल ने रोहतक स्थित एमडी विश्वविद्यालय, हरियाणा पिछड़ा आयोग को भी प्रतिवादी बनाते हुए हरियाणा सरकार से जानकारी मांगी।