सावन के साथ छत्तीसगढ़ में शुरू हुई बारिश की झड़ी ने तस्वीर ही बदल दी है। आषाढ़ तक प्रदेश के जिन हिस्सों में भीषण सूखे का खतरा मंडरा रहा था, वहां आज बाढ़ के हालात हैं।
तीन-चार दिनों में इतना पानी बरसा कि नदी, नालों में उफान गया। रायगढ़ के केलो बांध, राजनांदगांव के मोहारा और गरियाबंद जिले के सीकासार बांध के गेट खोल दिए गए हैं। मंगलवार शाम तक राजनांदगांव, गरियाबंद, रायपुर, महासमुंद, कांकेर, कोंडागांव और नारायणपुर जिलों के 12 सौ से ज्यादा गांवों का बाढ़ की वजह से सड़क संपर्क टूट चुका था।
राजनांदगांव में पिछले 48 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश को देखते हुए प्रशासन ने बुधवार और गुरुवार को स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी है। सराईपाली दुर्ग में 2 बच्चों की बाढ़ में बह जाने से मौत हो गई। आधा दर्जन लोग बहने से बाल-बाल बचे हैं।
तीन-चार दिनों में इतना पानी बरसा कि नदी, नालों में उफान गया। रायगढ़ के केलो बांध, राजनांदगांव के मोहारा और गरियाबंद जिले के सीकासार बांध के गेट खोल दिए गए हैं। मंगलवार शाम तक राजनांदगांव, गरियाबंद, रायपुर, महासमुंद, कांकेर, कोंडागांव और नारायणपुर जिलों के 12 सौ से ज्यादा गांवों का बाढ़ की वजह से सड़क संपर्क टूट चुका था।
राजनांदगांव में पिछले 48 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश को देखते हुए प्रशासन ने बुधवार और गुरुवार को स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी है। सराईपाली दुर्ग में 2 बच्चों की बाढ़ में बह जाने से मौत हो गई। आधा दर्जन लोग बहने से बाल-बाल बचे हैं।