श्रीनगर। जम्मू में भी बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है। अबतक यहां 138 लोगों की बाढ़ और बारिश से मौत हो चुकी है। वैष्णों देवी यात्रा रुकी हुई है, जम्मू कटरा रेल मार्ग भी बंद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर को एक हजार करोड़ की और मदद का ऐलान किया है। वहीं राहत और बचाव के काम में अब और तेजी आई है। सरकार ने दूसरे राज्यों से भी मदद के लिए हाथ बढ़ाने की अपील की है। अगर मौसम साफ रहता है तो दो दिन के भीतर यात्रा शुरू हो सकती है। लेकिन कटरा में रेल 10 सिंतबर तक के लिए बंद कर दी गई है क्योंकि रेल ट्रैक पर कई जगहों पर लैडंस्लाईड के चलते दरारें है। रिपेयरिंग का काम जारी है। भारी बारिश और बाढ़ की वजह से जम्मू-कश्मीर के बॉर्डर इलाकों में तैनात सेना के जवानों को भी बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा 5 किलोमीटर की तारबंदी भी बह चुकी है।
हालात जम्मू में भी कम खराब नहीं है। जम्मू के उधमपुर, रियासी, पुंछ और राजौरी में बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जम्मू के सांबा और अखनूर सेक्टर मे बाढ़ के चलते लगभग 30 बॉर्डर चौकियां बह गई हैं। ऊधमपुर के पचैंरी इलाके में भूस्खलन के चलते 60 घर तबाह हो गए हैं। करीब 40 लोग लापता हो गए हैं। जिनमें से कई के शव बरामद किए गए हैं।
बाढ़ की वजह से मां वैष्णों देवी की यात्रा भी रुकी हुई है। ट्रेनों की आवाजाही पर भी असर पड़ा है। श्रीशक्ति एक्सप्रेस को रामनगर स्टेशन पर ही रोक दिया गया। ऊधमपुर और कटड़ा कोई भी ट्रेन नहीं जा सकी। इससे जम्मू स्टेशन पर सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं और परेशान हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जम्मू कश्मीर में आई भयावह बाढ़ का जायजा लिया। पीएम ने राज्य को 1 हजार करोड़ की और मदद देने का ऐलान किया। मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए देने की भी घोषणा की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा करार दिया और रेस्क्यू ऑपरेशन पर एनडीआरएफ, सेना और वायुसेना के अधिकारियों के साथ बैठक की। मोदी के साथ राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और मुख्य सचिव भी इस बैठक में मौजूद थे। इस बीच अच्छी खबर है कि बारिश रुकी है। उम्मीद की जा रही है कि हालात जल्द बेहतर होंगे।
कर्नल एसडी गोस्वामी ने बताया कि हमने 11 हजार से ज्यादा लोगों को बचा लिया है। भारतीय सेना पूरी तरह से तत्पर है। हमारा पहला टार्गेट लोगों को बचाना है।
प्रधानमंत्री ने दूसरे राज्यों से भी जम्मू कश्मीर की मदद की अपील की है। राहत और बचाव के काम में सेना, एनडीआरएफ के अलावा वायु सेना भी जुटी है। सेना और वायु सेना के करीब 10 हजार जवान राहत के काम में जुटे हैं। लेकिन वो भी कम पड़ रहे हैं। सरकार ने एनडीआरएफ के 5 और कॉलम राहत के लिए भेजी है। 70 नाव और भेजे गए हैं। नाव, रेस्क्यू टीम, डाइवर्स और राहत के लिए तमाम जरूरी सामान भी भेजे गए हैं। वायु सेना के बारह An-32, चार Il-76, पांच C-130j विमान राहत में जुटे हैं। इनके अलावा दो C-17 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को भी राहत के काम में लगाया गया है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य में आई भयानक बाढ़ की तुलना पिछले साल की केदारनाथ त्रासदी से की है। हालांकि राज्य सरकार लोगों तक जल्द राहत पहुंचाने की बात कर रही है। लेकिन राहत का काम अभी बहुत पीछे है। जरूरत है कि जितनी जल्दी हो सके लोगों तक मदद पहुंचाई जाए।
हालात जम्मू में भी कम खराब नहीं है। जम्मू के उधमपुर, रियासी, पुंछ और राजौरी में बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जम्मू के सांबा और अखनूर सेक्टर मे बाढ़ के चलते लगभग 30 बॉर्डर चौकियां बह गई हैं। ऊधमपुर के पचैंरी इलाके में भूस्खलन के चलते 60 घर तबाह हो गए हैं। करीब 40 लोग लापता हो गए हैं। जिनमें से कई के शव बरामद किए गए हैं।
बाढ़ की वजह से मां वैष्णों देवी की यात्रा भी रुकी हुई है। ट्रेनों की आवाजाही पर भी असर पड़ा है। श्रीशक्ति एक्सप्रेस को रामनगर स्टेशन पर ही रोक दिया गया। ऊधमपुर और कटड़ा कोई भी ट्रेन नहीं जा सकी। इससे जम्मू स्टेशन पर सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं और परेशान हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जम्मू कश्मीर में आई भयावह बाढ़ का जायजा लिया। पीएम ने राज्य को 1 हजार करोड़ की और मदद देने का ऐलान किया। मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए देने की भी घोषणा की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा करार दिया और रेस्क्यू ऑपरेशन पर एनडीआरएफ, सेना और वायुसेना के अधिकारियों के साथ बैठक की। मोदी के साथ राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और मुख्य सचिव भी इस बैठक में मौजूद थे। इस बीच अच्छी खबर है कि बारिश रुकी है। उम्मीद की जा रही है कि हालात जल्द बेहतर होंगे।
कर्नल एसडी गोस्वामी ने बताया कि हमने 11 हजार से ज्यादा लोगों को बचा लिया है। भारतीय सेना पूरी तरह से तत्पर है। हमारा पहला टार्गेट लोगों को बचाना है।
प्रधानमंत्री ने दूसरे राज्यों से भी जम्मू कश्मीर की मदद की अपील की है। राहत और बचाव के काम में सेना, एनडीआरएफ के अलावा वायु सेना भी जुटी है। सेना और वायु सेना के करीब 10 हजार जवान राहत के काम में जुटे हैं। लेकिन वो भी कम पड़ रहे हैं। सरकार ने एनडीआरएफ के 5 और कॉलम राहत के लिए भेजी है। 70 नाव और भेजे गए हैं। नाव, रेस्क्यू टीम, डाइवर्स और राहत के लिए तमाम जरूरी सामान भी भेजे गए हैं। वायु सेना के बारह An-32, चार Il-76, पांच C-130j विमान राहत में जुटे हैं। इनके अलावा दो C-17 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को भी राहत के काम में लगाया गया है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य में आई भयानक बाढ़ की तुलना पिछले साल की केदारनाथ त्रासदी से की है। हालांकि राज्य सरकार लोगों तक जल्द राहत पहुंचाने की बात कर रही है। लेकिन राहत का काम अभी बहुत पीछे है। जरूरत है कि जितनी जल्दी हो सके लोगों तक मदद पहुंचाई जाए।