संघर्ष, संयम और समानता के राजनीतिक संस्कारों में पले-बढ़े नरेन्द्र मोदी आज़ादी की 68 वीं सालगिरह पर पहली दफा देश को संबोधित करेंगे। ऐसे में उनकी नेतृत्वकारी क्षमता के समक्ष असल चुनौती यह है कि क्या वे जटिलताओं और समस्याओं से घिरे 21वीं सदी के भारत के निर्माता बन सकेंगे, नई आशाएं जगा सकेंगे......
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आजादी की 68वीं सालगिरह जश्न
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