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हरिद्वार कांवड़ यात्रा

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    श्रावण मास शुरू होते ही धर्मनगरी शिवमय हो गई। मेले के दूसरे दिन पंचक लगने के बावजूद शिवभक्तों का आना-जाना लगा रहा। इन दिनों हरकी पैड़ी क्षेत्र भगवा रंग में रंग गई है। हालांकि कांवड़ मेले के जोर पकड़ने में अभी करीब एक सप्ताह का समय बाकी है, लेकिन कांवड़ियों की यहां आ रही तादात उनके जोश और उमंग की अलग कहानी बयां कर रही है। कांवड़ मेले के दूसरे दिन छह लाख शिवभक्त गंगाजल लेकर गंतव्य को रवाना हुए।

    चौदह दिनों तक चलने वाले कांवड़ मेले के महज दो दिनों में 19 लाख श्रद्धालु कांवड़ भर गंतव्यों को जा चुके हैं। अभी तो कांवड़ मेले की शुरुआत है। सप्ताह भर बाद मेला चरम पर होगा, लेकिन अभी भी देश के विभिन्न प्रांतों से कांवड़िये धर्मनगरी में पहुंच चुके हैं। कांवड़ पटरी से लेकर शहर के अन्य सभी हिस्सों में कांवड़िये डग भरते जा रहे हैं। हर तरफ कंधों पर आकर्षक कांवड़ उठाए कांवड़िये ही नजर आ रहे हैं। उनके बीच अपनी कांवड़ को सबसे आकर्षक बनाने के लिए सजाने की होड़ लगी हुई है। कोई घुंघरु बांध रहा तो कोई झालर-झंडी से उसे सजा रहा है। हरकी पैड़ी, मालवीय द्वीप, पंतद्वीप, मोती बाजार और अपर रोड आदि इलाकों में हर तरफ यही नजर आ रहे हैं। पग-पग पर धार्मिक सामग्री की दुकानें भी सजीं हैं। जहां आकर्षक शिव-पार्वती की मूर्ति से लेकर घुंघरू, गंगाजली, प्रसाद आदि उपलब्ध है।

    धार्मिक पुस्तकें भी दुकानों में शिव भक्तों के लिए उपलब्ध हैं। रुद्राक्ष समेत अन्य मालाएं, नग, भजनों की कैसेटों की भी बाजार में भरमार है। आडियो और वीडियो दोनों तरह की कैसेट्स बाजार में उपलब्ध है और इनकी बिक्री भी हो रही है। रक्तवर्णी व पीतांबर वस्त्रों की भी बिक्री जोरों पर है।

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