रोजमर्रा के इस्तेमाल की जरूरी चीजों के दामों में बढ़ोतरी का असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। कमजोर मानसून की आशंका के चलते व्यापारियों ने तेल, दाल, चावल, आलू-प्याज से लेकर अन्य जरूरी वस्तुओं की जमाखोरी शुरू कर दी है। इससे बाजार में इन चीजों की कृत्रिम कमी की स्थिति बन गई है।नतीजा इन चीजों की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ये इजाफा थोक और फुटकर, दोनों ही बाजारों में हुआ है। हालत ये है कि थोक बाजार में भी अलग-अगल व्यापारी एक ही वस्तु के मनमाने तरीके से अलग-अलग दाम बता रहे हैं।
व्यापारी पिछले एक हफ्ते में दाल-चावल, तेल-शकर जैसी वस्तुओं की कीमतों में हुए इजाफ के पीछे इनकी कमी को वजह बता रहे हैं। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार यदि यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में कीमतें और बढ़ सकती हैं।परिवार के घरेलू बजट पर करीब पौने तीन सौ रु. का बोझ बढ़ा-दाल, चावल, शक्कर, आटा जैसी आठ चीजों को ही लें तो एक साधारण परिवार के घरेलू बजट पर महीने भर में करीब 278 रुपए तक का अतिरिक्त बोझ बढ़ा है। महीने भर में 7 किलो तुअर दाल पर 49 रु., 8 किलो चावल पर 48 रु., 8 किलो शक्कर पर 48 रु., 2 किलो मूंग दाल पर 10रु., 5 किलो सोया तेल पर 45, 25 किलो आटा पर 50, और 7 किलेा आलू पर 28 रु., और 5 किलो प्याज पर 24 रु. अलग से बोझ बढ़ेगा।
व्यापारी पिछले एक हफ्ते में दाल-चावल, तेल-शकर जैसी वस्तुओं की कीमतों में हुए इजाफ के पीछे इनकी कमी को वजह बता रहे हैं। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार यदि यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में कीमतें और बढ़ सकती हैं।परिवार के घरेलू बजट पर करीब पौने तीन सौ रु. का बोझ बढ़ा-दाल, चावल, शक्कर, आटा जैसी आठ चीजों को ही लें तो एक साधारण परिवार के घरेलू बजट पर महीने भर में करीब 278 रुपए तक का अतिरिक्त बोझ बढ़ा है। महीने भर में 7 किलो तुअर दाल पर 49 रु., 8 किलो चावल पर 48 रु., 8 किलो शक्कर पर 48 रु., 2 किलो मूंग दाल पर 10रु., 5 किलो सोया तेल पर 45, 25 किलो आटा पर 50, और 7 किलेा आलू पर 28 रु., और 5 किलो प्याज पर 24 रु. अलग से बोझ बढ़ेगा।