सूखे ने बुंदेलखंड में दो किसानों की जान ले ली. कर्ज के बोझ तले महोबा के एक किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई तो जालौन में किसान ने आत्महत्या कर ली. दोनों किसानों पर बैंक और साहूकारों का लाखों रुपया बकाया था.
जालौन कोतवाली के गांव औरैखी निवासी बिहारीलाल कुशवाहा (50) पुत्र गोपीनाथ के हिस्से में 13 बीघा जमीन है. पिछले कई वर्षों से अच्छी फसल ना होने के कारण उसने वर्ष 2008 में स्टेट बैंक माधौगढ़ शाखा से 80 हजार रुपए लोन लिया. लोन वापस न करने पर यह बढ़कर तीन लाख रुपए हो गया. उस पर साहूकारों का भी तकरीबन डेढ़ लाख रुपए का कर्ज था.
एक सप्ताह पहले उसके खिलाफ स्टेट बैंक माधौगढ़ पैसा रिकवरी के लिए नोटिस आया, जिसमें तीन लाख रुपए लिखे थे. यह देख किसान परेशान हो गया. परिजनों के अनुसार रविवार की तड़के वह परिजनों को बिना बताए अपने खेतों पर गया, जहां उसने गमछे से बबूल के पेड़ से फांसी का फंदा बनाया और उसमें झूल गया. इस तरह उसकी मौत हो गई.
दूसरी घटना महोबा के श्रीनगर इलाके की है. मोहल्ला देवबाग निवासी भैया लाल शनिवार को खेत पर फसल देखने गया था. खेत से लौटने के बाद अचानक बीमार हो गया. परिजन उसे इलाज के लिए झांसी ले जा रहे थे कि रास्ते में मौत हो गई. मृतक के बेटे रमेश ने बताया कि उन पर भी बैंक का कर्जा था.
जालौन कोतवाली के गांव औरैखी निवासी बिहारीलाल कुशवाहा (50) पुत्र गोपीनाथ के हिस्से में 13 बीघा जमीन है. पिछले कई वर्षों से अच्छी फसल ना होने के कारण उसने वर्ष 2008 में स्टेट बैंक माधौगढ़ शाखा से 80 हजार रुपए लोन लिया. लोन वापस न करने पर यह बढ़कर तीन लाख रुपए हो गया. उस पर साहूकारों का भी तकरीबन डेढ़ लाख रुपए का कर्ज था.
एक सप्ताह पहले उसके खिलाफ स्टेट बैंक माधौगढ़ पैसा रिकवरी के लिए नोटिस आया, जिसमें तीन लाख रुपए लिखे थे. यह देख किसान परेशान हो गया. परिजनों के अनुसार रविवार की तड़के वह परिजनों को बिना बताए अपने खेतों पर गया, जहां उसने गमछे से बबूल के पेड़ से फांसी का फंदा बनाया और उसमें झूल गया. इस तरह उसकी मौत हो गई.
दूसरी घटना महोबा के श्रीनगर इलाके की है. मोहल्ला देवबाग निवासी भैया लाल शनिवार को खेत पर फसल देखने गया था. खेत से लौटने के बाद अचानक बीमार हो गया. परिजन उसे इलाज के लिए झांसी ले जा रहे थे कि रास्ते में मौत हो गई. मृतक के बेटे रमेश ने बताया कि उन पर भी बैंक का कर्जा था.