बिहार के जमीनी समीकरणों से मजबूर होकर कांग्रेस ने लालू प्रसाद यादव से हाथ भले मिला लिया हो, लेकिन दागी सांसदों पर अध्यादेश का विरोध करने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लिए मुश्किल ज्यादा बड़ी है।
स्पष्ट संकेत हैं कि चुनाव भर राहुल गांधी राजद प्रमुख के मंच पर शायद ही नजर आएं। सूत्रों के मुताबिक, राजद के साथ गठजोड़ के लिए मुश्किल से तैयार हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष भ्रष्टाचार के मामले में जेल जा चुके लालू के साथ मंच साझा करने को तैयार नही हैं। हालांकि राहुल पहले कह चुके हैं कि गठबंधन व्यक्ति से नहीं पार्टी से हुआ है।
राजनीति में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाली पार्टी की छवि बनाने की कोशिश कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष इस गठजोड़ के पक्ष में बिल्कुल नहीं थे। राहुल के इसी ठंडे रुख के चलते लोजपा भाजपा के पाले में चली गई। हालांकि, राहुल गांधी का भ्रष्टाचार और राजनीति में दागी नेताओं की आमद के खिलाफ होने का दावा हकीकत में टूट चुका है।
स्पष्ट संकेत हैं कि चुनाव भर राहुल गांधी राजद प्रमुख के मंच पर शायद ही नजर आएं। सूत्रों के मुताबिक, राजद के साथ गठजोड़ के लिए मुश्किल से तैयार हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष भ्रष्टाचार के मामले में जेल जा चुके लालू के साथ मंच साझा करने को तैयार नही हैं। हालांकि राहुल पहले कह चुके हैं कि गठबंधन व्यक्ति से नहीं पार्टी से हुआ है।
राजनीति में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाली पार्टी की छवि बनाने की कोशिश कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष इस गठजोड़ के पक्ष में बिल्कुल नहीं थे। राहुल के इसी ठंडे रुख के चलते लोजपा भाजपा के पाले में चली गई। हालांकि, राहुल गांधी का भ्रष्टाचार और राजनीति में दागी नेताओं की आमद के खिलाफ होने का दावा हकीकत में टूट चुका है।
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