इस दिन व्रत, उपवास, मंत्रजाप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व है. महीने की हर चतुर्दशी को मास शिवरात्रि आती है, लेकिन सावन का महीना शिव जी का महीना है, इसलिए सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व हो जाता है. इस दिन लोग कांवड़ में जल भरकर शिवलिंग पर अर्पित करते हैं. इस बार सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को है.
चार पहर में ऐसे करें महादेव की पूजा
सुबह के वक्त स्नान करके शिव पूजा का संकल्प लें. शिव जी को जल अर्पित करें. इसके बाद पंचोपचार पूजन करके शिव जी के मन्त्रों का जाप करें. रात में शिव मंत्रों के अलावा रुद्राष्टक या शिव स्तुति का पाठ भी कर सकते हैं. अगर चार पहर पूजन करते हैं तो पहले पहर में दूध,दूसरे पहर में दही, तीसरे पहर में घी और चौथे पहर में शहद से पूजन करें. हर पहर में जल का प्रयोग जरूर करना चाहिए.
चार पहर में ऐसे करें महादेव की पूजा
सुबह के वक्त स्नान करके शिव पूजा का संकल्प लें. शिव जी को जल अर्पित करें. इसके बाद पंचोपचार पूजन करके शिव जी के मन्त्रों का जाप करें. रात में शिव मंत्रों के अलावा रुद्राष्टक या शिव स्तुति का पाठ भी कर सकते हैं. अगर चार पहर पूजन करते हैं तो पहले पहर में दूध,दूसरे पहर में दही, तीसरे पहर में घी और चौथे पहर में शहद से पूजन करें. हर पहर में जल का प्रयोग जरूर करना चाहिए.
Comment