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Hindi Quotes

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  • #46
    सब कुछ ईज़ी है जब आप बिजी होते हो और कुछ भी ईज़ी नहीं होता जब आप लेज़ी होते हो।

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    • #47

      “यदि आप अपनी स्वयं की जीवन योजना तैयार नहीं करते हैं, तो संभावना है कि आप किसी और की योजना में आ सकते हैं। और क्या आपको लगता है कि उन्होंने आपके लिए कोई योजना बनायीं होंगी

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      • #48
        आप हमेशा इतने छोटे बनिये की हर व्यक्ति आपके साथ बैठ सके, और आप इतने बड़े बनिये की आप जब उठे तो कोई बैठा न रहे।”

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        • #49
          Originally posted by Nitin Kumar View Post
          “यदि आप अपनी स्वयं की जीवन योजना तैयार नहीं करते हैं, तो संभावना है कि आप किसी और की योजना में आ सकते हैं। और क्या आपको लगता है कि उन्होंने आपके लिए कोई योजना बनायीं होंगी
          “यदि किसी काम को करने में डर लगे तो याद रखना यह संकेत है, कि आपका काम वाकई में बहादुरी से भरा हुआ है।”

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          • #50
            हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का,
            एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का,
            बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
            यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का…
            जिंदगी के हर पल को ख़ुशी से बिताओ,
            रोने का टाइम कहां, सिर्फ मुस्कुराओ,
            चाहे ये दुनिया कहे पागल आवारा,
            बस याद रखना “जिंदगी ना मिलेगी दोबारा”

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            • #51
              इश्क़ है या इबादत अब कुछ समझ नही आता, एक खूबसूरत ख्याल हो तुम, जो दिल से नही जाता।

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              • #52
                मुसीबतों से भागना, नयी मुसीबतों को निमंत्रण देने के समान है| जीवन में समय-समय पर चुनौतियों एंव मुसीबतों का सामना करना पड़ता है एंव यही जीवन का सत्य है| एक शांत समुन्द्र में नाविक कभी भी कुशल नहीं बन पाता

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                • #53
                  “ज़िन्दगी में कुछ फैसले बहुत सख्त होते हैं और यही फैसले ज़िन्दगी का रुख बदल देते हैं!

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                  • #54
                    पल दो पल आकर मेरे संग बिताना तुम
                    हो सके तो इस बरसात ठहर जाना तुम

                    तपता जेठ महीना है कब का बीत चला
                    सावन भी अब कुछ हफ्ता है बीत चला
                    जाने कब तक रहोगी, तुम बस यादों में
                    मैं जागूंगा शायद,अब इन तन्हा रातों में
                    चुपके से आ कर, मुझे गले लगाना तुम
                    हो सके तो इस बरसात ठहर जाना तुम

                    हर एक बूंद, आग की तरह है बरस रहा
                    तेरी इक झलक पाने को हूँ मैं तरस रहा
                    है स्याह इतना, फलक भी न दिख पाये
                    रातों को यह चाँद आसमां में छिप जाये
                    बन कर चाँद मिरा फिर चले आना तुम
                    हो सके तो इस बरसात ठहर जाना तुम

                    क्यूँ आज कोई, अपना नज़र नहीं आता
                    सन्नाटा है बाहर या है मेरे अन्दर सन्नाटा
                    तार मेरे सितारों के,अब सारे हैं टूट चुके
                    न जाने सुर रागों से, कब के हैं छूट चुके
                    जरा हौले वही गीत पुराना दोहराना तुम
                    हो सके तो इस बरसात ठहर जाना तुम

                    चंचल नदी सी तुम, मैं ठहरा किनारा हूँ
                    कल भी था तेरा, आज भी मैं तुम्हारा हूँ
                    जिस्म हीं है बस मेरा, बाकी सब तेरा है
                    ये शब है तुझसे, तुझसे ही मेरा सवेरा है
                    निकल के ख़्वाबों से मेरे,चले आना तुम
                    हो सके तो इस बरसात ठहर जाना तुम

                    पल दो पल आकर मेरे संग बिताना तुम
                    हो सके तो इस बरसात ठहर जाना तुम

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                    • #55
                      Originally posted by Nitin Kumar View Post
                      इश्क़ है या इबादत अब कुछ समझ नही आता, एक खूबसूरत ख्याल हो तुम, जो दिल से नही जाता।
                      “कुछ इस तरह
                      सौदा किया ज़िंदगी से हमने;
                      जितना बढ़ा दर्द,
                      उतना ही जोश दुगुना होता रहा!”

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                      • #56
                        Originally posted by Vikesh View Post
                        “कुछ इस तरह
                        सौदा किया ज़िंदगी से हमने;
                        जितना बढ़ा दर्द,
                        उतना ही जोश दुगुना होता रहा!”
                        Very Nice...

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                        • #57
                          मौत से मत डरो; नहीं जी गयी ज़िन्दगी से डरो. तुम्हे हमेशा के लिए नहीं जीना है, तुम्हे बस जीना है |

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                          • #58
                            मित्र बनाने में धीमे रहिये और बदलने में और भी.

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                            • #59
                              बीस साल की उम्र में इंसान अपनी इच्छा से चलता है,तीस में बुद्धि से और चालीस में अपने अनुमान से.

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                              • #60
                                Originally posted by Nitin Kumar View Post

                                Very Nice...
                                Thank you..

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