Announcement

Collapse
No announcement yet.

Beautiful poem

Collapse
X
 
  • Filter
  • Time
  • Show
Clear All
new posts

  • Beautiful poem

    क्यों कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता
    सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता

    कोई सह लेता है कोई कह लेता है
    क्योंकि ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता

    आज अपनो ने ही सिखा दिया हमें
    यहाँ हर ठोकर देने वाला पत्थर नही होता

    क्यों ज़िंदगी की मुश्क़िलों से हारे बैठे हो
    इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता

    कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर
    ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में हमसफ़र नही होता.....
    Last edited by Deepmala; 09-02-2008, 11:36 AM.
    Free Site Submit
    Internet Web Directory

  • #2
    Nice poem.

    Comment


    • #3
      very nice poem.

      Comment

      Working...
      X